वर्ष 1947 में स्वतंत्राता प्राप्ति के बाद जब आजाद भारत का संविधान बना और लागू हुआ तबसे जातीय आत्म सम्मान की भावना श्रमजीवियों में जागृत हुई। इसी परिप्रेक्ष्य में गोरखपुर जनपद के कुछ प्रबु; एवं जागरूक पटेल समाज के लोगों ने अपनी जाति को संगठित करने व उनके उत्थान के लिए प्रयास करना शुरू किया । इस तरह के जातीय संगठन का श्रेय सर्व प्रथम स्व0 श्री सत्यदेव चौधरी, श्री भवानी प्रसाद सिंह, प्रो0 (डा0) कमल, श्री परमहंस सिंह एडवोकेट, स्व0 पतिराज सिंह, स्व0 श्रीराम वर्मा, श्री अनन्त प्रसाद चौधरी, श्री सोमई प्रसाद चौधरी, स्व0 श्री रामेश्वर नाथ चौधरी (बलिया ) तथा डा0 राममुरत चौधरी आदि को जाता है । जातीय बैठकें सक्रीय स्वजातीय बन्धुओं के आवास पर ही होती थी । इन परिस्थितियों में वर्ष 1960 में ‘‘पटेल स्मारक समिति जनपद-गोरखपुर’’ के नाम से एक संगठन गठित किया गया । इस संगठन के प्रथम अध्यक्ष स्व0 श्री सत्यदेव चौधरी और मंत्रा श्री भवानी प्रसाद सिंह मनोनीत किये गये । इसी बीच स्व0 भगवती प्रसाद चौधरी ने अपने आवास मु0 शेषपुर, हरवंश राम भगवानदास रोड गोरखपुर में एक कमरा समिति की बैठकों एवं अन्य क्रिया कलापों के लिए देने की सहमति दी, जिसे समिति ने सधन्यवाद स्वीकार कर लिया । लगभग 10 वर्षों तक समिति का कार्य पटेल समाज के उत्थान के लिए इसी प्रकार चलता रहा । दिनांक 19.12.1979 को ‘‘पटेल स्मारक समिति गोरखपुर’’ का रजिस्ट्रेशन कराया गया तथा सोसाइटी रजिस्ट्रेशन का प्रमाण - पत्रा संख्या 3994/1979-80 प्राप्त हुआ । इस सोसाइटी के अध्यक्ष स्व0 श्री सत्यदेव चौधरी, मंत्रा श्री भवानी प्रसाद सिंह व कोषाध्यक्ष स्व0 पतिराज सिंह चुने गये । उपरोक्त रजिस्ट्रेशन प्रमाण - पत्रा दिनांक 19.12.1981 ई0 तक ही वैध था । अतएव नवीनी करण कराया गया, और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्रा संख्या-वी.एस.एस. 1984 फाइल संख्या 5845 प्राप्त हुआ ।
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